सबकुछ आपके खिलाफ हो तो भी खुद के साथ खड़े रहिए
आज का दौर जीत का दौर है। हर जगह सिर्फ जीत का शोर है। जीत, विजय या सफलता
को हमने इतना महत्व दे दिया है कि हारने वाला हमें पसंद ही नहीं। भले वो नेता हो या खिलाड़ी या हमारे परिवार का सदस्य। हमें अपनी संतान, अपने संबंधी और अपने दोस्त भी हमेशा जीतने वाले ही चाहिए लेकिन
जो हार गए हैं वे भी निराश न हों क्योंकि उनकी हार और संघर्ष में ही उनकी सफलता की चाबी
छूपी हुई है। केवल जरूरत है
स्वयं की हार व दूसरे की जीत के अध्ययन की। अगर हम ईमानदारी से अपनी गलतियों
को सुधारें और सफल व्यक्ति का अनुसरण करें। तो हमें जीत की ओर अग्रसर होने से कोई
नहीं रोक सकता।
मैंने स्कूल के दौरान ब्रिटिश लेखक विलियम एडवड हिक्सन की एक कविता पढ़ी थी ''TRY AGAIN'', बड़ी रोचक व प्रेरणादायक कविता में उन्होंने बताया है कि जीवन में सफलता का एक ही नियम है कोशिशें जारी रखें, अगर आपने प्रयास किया लेकिन आपको सफलता नहीं मिली फिर कोशिश जारी रखें, हार की शर्मिंदगी को छोडि़ए, अपमान या अवसाद की भावना को मन में मत लाईए, फिर से प्रयास कीजिए। मैं इस संदेश में बस एक बात ओर जोड़ना चाहता हूं कि अपनी हार का अध्ययन और जीतने वाले के संघर्ष का अध्ययन जरूर कीजिए, जो गलतियां हमने कीं उन्हें सुधारने पर फोकस कीजिए और दोबारा प्रयास कीजिए। निरंतर प्रयास से एक दिन आप सफलता का परचम जरूर लहराएंगे।
हम जीवन में छोटी
सी असफलता से भी कई बार अवसाद में आ जाते हैं और प्रयास करना छोड़ देते हैं। फिर धीरे-धीरे हम कुछ बहाने ढूंढ लेते हैं जिन्हें हम अपनी
असफलता के लिए जिम्मेदार ठहरा सकें लेकिन यह सब मत कीजिए। आप अकेले नहीं हैं जिसने असफलता का सामना किया, दुनिया के अधिकांश लोग सफलता से पहले असफल हुए लेकिन उन्होंने
प्रयास करना नहीं छोड़ा। बल्ब का अविष्कार
करने से पहले थॉमस अल्वा एडिशन करीब 9 हजार बार असफल हुए, अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति बनने से पहले अब्राहम लिंकन
स्टेट लेजिस्लेटर से लेकर सिनेट तक हर चुनाव हार गए थे। 28 साल तक जेल में रहने के बाद नेलसन मंडेला दक्षिण अफ्रिका
के न केवल राष्ट्रपति बने बल्कि उन्हें भारत रत्न और नोबल पुरस्कार से भी नवाजा
गया।
9 वर्ष तक बिना
सहारे के चल भी न सकने वाली पोलियोग्रस्त विलमा रूडोल्फ एक दिन दुनिया की
सबसे तेज दौड़ने वाली धाविका बनीं। ये लोग चुनाव में हारे, खेल में हारे, अविष्कार में हारे लेकिन हिम्मत नहीं हारे और प्रयास करना
नहीं छोड़ा।
किसी भी प्रतियोगिता
में हारना अपमान नहीं है, हमें असफलता से
शर्मिंदगी नहीं होना चाहिए, अगर समय आपका
साथ नहीं दे रहा, अगर संस्थान
ने आपको कोई जटिल काम दे दिया है, अगर कई प्रयासों
के बाद भी आपको सफलता नहीं मिली तो भी प्रयास जारी रखिए। जिस तरह खुशियां, सफलता और बुलंदी हमेशा नहीं रहती वैसे ही असफलता भी हमेशा नहीं रहेगी। जीवन में अगर सबकुछ भी आपके खिलाफ है तो भी आपको खुद के साथ खड़े रहना हैं। कभी भी खुद पर से अपना विश्वास कमजोर मत होने देना। हमें बस
खुद से बोलना है कि अरे कैसे नहीं होगा, जरूर होगा। खुद पर भरोसा करके जब आप निरंतर प्रयास
करेंगे तो यकीन मानिए आपकी सफलता भी शोर मचा देगी।
बहुत ही सुंदर और शानदार जो जीवन में निराश व्यक्ति के लिए एक नई ऊर्जा नई सूरज की किरणों के साथ जीने का जज्बा प्रदान करता है निरंतर आम आदमी के जीवन के लिए इस प्रकार के टिप्स आप के माध्यम से सबको मिलते रहेंगे ऐसी आशा करता हूं
जवाब देंहटाएंउम्दा विचार, एक निराशहीन व्यक्ति के जीवन मे नई किरण जगाने के लिए।👍
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया लिखा आपने जब भी कोई निराश या हताश ताश व्यक्ति इसे पड़ेगा तो उसमें फिर से जीवन जीने की चाह जाग जाएगी आगे भी इस प्रकार की रचनाएं आप लिखते रहिए और लोगों को प्रेरित करते रहिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा आलेख।एकदम यथार्थ।
जवाब देंहटाएंशानदार लेखन
जवाब देंहटाएंबहुत खूब सुमित भाई
जवाब देंहटाएंआज के युग में युवाओं को इस लेख को जरूर पढ़ना व पढ़वाना चाहिए। आज का युवा हार बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है। सुमित उपयोगी व समय अनुकूल लेखन। शानदार 👏👏👏👏👏👏👏👏🙏
जवाब देंहटाएंबढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा है सुमित हारे हुए मन को जीतने की उर्जा प्रदान करने वाला तुम्हारा यह लेख है आशा है इससे सभी पढ़ने वालों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी
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