सारे शिकवे गिले भुला कर गले लगा लो जिंदगी को


क्षमा या माफी दो अक्षरों के यह शब्द कहने, सुनने और लिखने में जितने सरल होते हैं। इन्हें व्यवहार में लाना उतना ही मुश्किल होता है। यह बहुत हिम्मत का काम है। क्षमा मांगने के लिए आपको अहंकार छोड़कर विनम्रता के धरातल पर आना पड़ता है, वहीं क्षमा करने के लिए भी उतनी ही उदारता की जरूरत होती है। क्षमा करने या मांगने के लिए सिर्फ दिल को थोड़ा बड़ा करने और अहम को छोड़ने की जरूरत है। अगर आप किसी से नाराज हैं या कोई आप से गुस्सा होकर बैठा है तो उसे मनाने का अवसर रंगों के उत्सव से बेहतर और कोई नहीं हो सकता। रंगों से सराबोर होने वाली सुबह को हम ठान लें कि गिले-शिकवे को भूलाकर जिंदगी को गले लगाएंगे और रंगों की तरह खिल खिलाएंगे। कोरोना के कारण भले ही हम हर किसी से मिलकर उसे रंग नहीं लगा सकें लेकिन दूसरों की गलतियों को भूलाकर बेरंग जिंदगी में संबंधों के रंग जरूर सजा सकते हैं।


हमारा सारा जीवन संबंधों पर टिका है। कहीं पारिवारिक संबंध है, तो कहीं सामाजिक और कहीं व्यापारिक संबंध। कुछ संबंध प्रेम पर निर्भर होते हैं तो कुछ लाभ पर। रिश्तो में आदान-प्रदान जरूरी है। जहां इस आदान-प्रदान में असमानता आ जाती है वहीं से मनमुटाव शुरू हो जाता है। कभी मीठे लगने वाले यह संबंध धीरे-धीरे बोझ बन जाते हैं। अगर कोई अपने प्रदान का महत्व अधिक मानने लगता है तो अहंकार जन्म लेता है और यह अहंकार संबंध के आगे हमारे झुकाव को खत्म कर देता है लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि संबंधों को बचाने के लिए हमें कभी झुकना पड़े तो परहेज न करें, क्योंकि संबंध ही हमारा जीवन हैं।



कभी आपने सोचा है कि संबंधों का आधार क्या है, हो सकता है आपको लगे कि विश्वास, स्नेह या मदद संबंधों का आधार है लेकिन इन सब से भी अधिक जरूरी चीज है स्वतंत्रता। जी हां स्वतंत्रता। क्योंकि बंधन तो घोड़े और उसकी सवारी में भी होता है लेकिन यह बंधन एक तरफा होता है। इसमें सवारी स्वतंत्र है लेकिन घोड़ा बंधन में है। अगर हम संबंध को एकतरफा कर लेंगे तो वह बंधन हो जाएगा और रिश्तों में बंधन आ जाए तो यह कुछ समय बाद बोझ लगने लगते हैं, इसलिए बंधन को संबंध बनाएं यानी समान रूप से दोनों बंधे भी रहे और स्वतंत्र भी रहे। याद रखें स्नेह और विश्वास किसी भी संबंध के दो सिरे हैं और स्वतंत्रता संबंध की आत्मा है।

जिस तरह पौधों को पानी, धूप और खाद की जरूरत होती है। उसकी देखभाल करना पड़ती है। उसी तरह संबंधों को भी समय, स्नेह और प्रेम की जरूरत होती है। याद रखिए जीवन में पैसा आपको प्लेजर तो दे सकता है लेकिन सेटिस्फेक्शन नहीं सेटिस्फेक्शन के लिए आपको संबंधों की भी जरूरत पड़ेगी। जीवन में ऐसे संबंध होना चाहिए जिन पर हम हमेशा भरोसा कर सकें। जरूरत पड़ने पर वह हमें गले लगा सकें, हमें समझा सकें। यही जिंदगी की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है।



अगर आप अपने जीवन में संबंधों को बेहतर ढंग से संचालित करना चाहते हैं तो अपने सेंस ऑफ ह्यूमर को डेवेलप कीजिए। कुछ छोटी-छोटी बातों को हंसी में टाल दीजिए। याद रखिए जीवन में कोई भी चीज कभी परफेक्ट नहीं हो सकती, क्योंकि हमें जो अच्छा लगता है। हम उसे परफेक्ट की परिभाषा में ढाल लेते हैं लेकिन जिंदगी रंगों का नाम है और रंग भिन्नता का पर्याय हैं। अलग-अलग रंगों से मिलकर दुनिया बनी है। इसी तरह अलग-अलग विचारों के लोगों से मिलकर हमारी जिंदगी बनती है।  अपने साथ ही दूसरों के विचारों और सोच को भी सम्मान दें। अगर किसी की भूल या गलती को दिल से लगा कर बैठे हैं तो उन्हें क्षमा कर दीजिए। और अगर आपकी किसी गलती को कोई दिल से लगा कर बैठा है तो उससे क्षमा मांग लीजिए। रिश्तों की दूरियों को खत्म करने के लिए रंगों के उत्सव से बेहतर कोई दिन नहीं है। एक महत्वपूर्ण बात हमेशा याद रखिए अगर आप में क्षमा मांगने और करने की क्षमता है तो आप ईश्वर द्वारा दिए गए सर्वश्रेष्ठ गुण से सुसज्जित हैं।

टिप्पणियाँ

  1. रंगों का त्यौहार है हीं इसलिए कि क्षमा करें और क्षमा मांगें और कहें बुरा न मानो होली है।
    रंगों के त्योहार की अग्रिम शुभकामनाएं 💐💐💐💐

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