संभल जाएं इससे पहले कि आप इसे खो दें
आपने एक बात सुनी होगी कि हमें किसी चीज का महत्व तब पता चलता है जब हम उसे खो देते हैं, इसमें सबसे महत्वपूर्ण चीज है हमारी सेहत। इसके बावजूद भी हम पहले धन कमाने में स्वास्थ्य को खराब कर लेते हैं बाद में स्वास्थ्य को सुधारने में उसी धन को व्यय कर देते हैं। ऐसे में हमारे हाथ में न धन रहता है न स्वास्थ्य। आपके पास कितना ही धन हो, बड़ा पद हो या सामाजिक प्रतिष्ठा हो आप इनके जरिए सेहत को हासिल नहीं कर सकते, इसलिए जीवन में लक्ष्य बनाईये बेहतर सेहत को। इसके बाद आप जो भी हासिल करेंगे उसका पूरा आनंद ले पाएंगे। याद रखिए हमारे देश में कहा जाता है पहला सुख निरोगी काया… तो संभल जाईये इससे पहले कि आप इसे खो दें।
हम जीवन में अपना
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तब कर पाते हैं जब हम स्वस्थ हैं। आज के दौर में भागदौड़, प्रतिस्पर्धा और सामाजिक ताने-बाने में हमारी सेहत पीछे छूटती
चली जा रही है। कभी हम सोचते हैं कि सुबह उठकर दौड़ लगाएंगे तो कभी हम सोचते
हैं मोटापा कम करने के लिए डाइटिंग शुरू कर देंगे। डाइटिंग से हमारा वजन तो कम हो जाता
है लेकिन शरीर से ऊर्जा चली जाती है, डाइटिंग वास्तव में एक टॉर्चर है जो हम अपने शरीर के साथ करते
हैं।
डाइटिंग में अधिकांश समय हमारे मसल्स कम हो जाते हैं और फैट कम नहीं होता। ऐसे में
हमारी ऊर्जा भी कम हो जाती है और चहरे से ग्लो भी खत्म कम हो जाता है। हमारे शरीर को सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन, फैट और फाइबर
की जरूरत होती है। बस निर्धारित करना है अपने शरीर और रूटिन के साथ इनके सामंजस्य
को।
आपने देखा होगा कि हर उड़ान के पहले हवाईजहाज की पूरी जांच होती
है, सबकुछ फिट दिखने के बाद भी इसे पूरी तरह जांचा जाता है, जिससे यात्रा के दौरान यह क्रेश न हो जाए, इसी तरह हमारा शरीर है, हमें भी एक अंतराल के बाद शरीर को जांचना चाहिए। हम इसे बाहर से देखकर खुश हो जाते हैं लेकिन इसके अंदर चल रही
गड़बड़ी हमें समझ नहीं आती और हम अपनी सेहत को क्रेश कर देते हैं। सोचिए अगर सेहत क्रेश हो गई तो न
बॉडी बचेगी न माइंड… इसलिए अभी संभल जाएं। भले ही आप अपने जीवन में कुछ भी करते हों
अपने शरीर को प्रतिदिन एक घंटा जरूर दें।
सेहत को नियमों में न बांधे कि सुबह 6 बजे ही घूमना है, दिन में चार बार
ग्रीन टी पीना है या रोज फीका व
उबला खाना ही खाना है, बल्कि इसे खुला
छोड़ दें सुबह 6 बजे उठें या 8 बजे सेहत के लिए एक घंटा जरूर दें, कभी दौड़ लाएं तो कभी योगा करें या कभी बगीचे में जाकर खुली
हवा में सांस लें, सेहतमंद भोजन
करें लेकिन स्वाद के साथ। हर ढाई-तीन घंटे में कुछ न कुछ खाते रहें, आपके दिमाग को
यह सिग्नल मिलना चाहिए कि यह व्यक्ति अपने शरीर को भूखा नहीं रखता, ऐसे में आप पाएंगे कि आपकी बॉडी फैट को इकट्ठा नहीं करेगी, जबकि आपको फिट रखेगी। जब आप सेहत के साथ खुला संवाद करेंगे तो कई चीजें अपने आप होने
लगेंगी।
आज हमें यह तो
पता है कि दुनिया में क्या चल रहा है लेकिन यह नहीं पता कि हमारी सेहत में क्या चल
रहा है। जब हम अपनी सेहत
को भूल जाते हैं तब हमें सबकुछ हासिल करने के बाद भी मजा नहीं आता। जब हम फिजिकली फिट होंगे तभी हमारा
मेंटल स्टेटस सही होगा। हमारे पास रिलेशनशिप होगी और हम हर चीज का मजा ले पाएंगे।
अपने मन को शांत रखें और हर पल ऐसे जीयें जैसे जीवन का अंतिम दिन हो और ज्ञान ऐसे हासिल
करें जैसे आप अमर हों।
Bahut accha likha hai sumit
जवाब देंहटाएंGood
जवाब देंहटाएंसुमित जी जागरूक करने वाला लेख लिखा है आपने बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएं👍👍
जवाब देंहटाएंक्या बात है सुमित जी बहुत ही सुंदर और शानदार आज का जो ब्लॉक है यकीनन भागदौड़ की जिंदगी में 1 घंटा अपने जीवन के लिए शरीर के लिए देना बहुत आवश्यक है अगर आप स्वस्थ हैं तो हर कार्य कर पाना संभव है चाहे वह शारीरिक हो बीमारी हो या किसी भी रूप में हो स्वस्थ रहना बहुत जरूरी और जैसा कि आपने बताया पिछले 1 साल से तो महामारी ने पूरे विश्व को झकझोर कर रख रहा है नियमित योग व्यायाम समय-समय पर यह सब चीजें निरंतर करते रहना चाहिए ।
जवाब देंहटाएंआप सभी का हर दिन शुभ स्वस्थ्य मंगलमय हो जय श्री महाकाल जय मां भगवती
बहुत बढ़िया,सुमित
जवाब देंहटाएंलाजवाब सुमित भाई
जवाब देंहटाएंBahut hi badiya bhaiya
जवाब देंहटाएंसही हैं, भौतिक सुख सुविधाओं के लालच में लोग स्वास्थ्य की और बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते। प्रेरणादाई लेख 🙏🙏🙏🙏
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