आपका डर आपको बता सकता है 'सफलता का रास्‍ता'



डर सभी को लगता है, चाहे वह पशु हो, पक्षी हो या मनुष्‍य। वास्‍तव में मनुष्‍य डर को अपने साथ लेकर ही जन्‍म लेता है। डर हमें सिर्फ भयभीत करने का काम नहीं करता बल्कि हमें आगे भी बढ़ाता है। जैसे जीवन का डर हमें खुद की सुरक्षा के लिए प्रेरित करता है, अपमान का डर हमें सदाचार की ओर बढ़ाता है और किसी अपने को खोने का डर हमसे उसके प्रति कर्तव्‍य पालन करवाता है लेकिन यह डर बुरा तब हो जाता है जब यह हम पर हावी होने लगता है और हमारे मार्ग में बाधक बन जाता है। फिर हम इसे पार नहीं कर पाते और जीवन के लक्ष्‍यों से भटक जाते हैं। तो चलिए आज जानते हैं कि कैसे आपका डर ही आपको बताएगा आपकी सफलता का रास्‍ता।



डर का अर्थ है भविष्‍य में आने वाली विपत्तियों की कल्‍पना डर की कल्‍पनाएं हमें कभी अपने कम्‍फर्ट जोन से बाहर नहीं निकलने देतीं, कभी हमें लगता है कि नौकरी छोड़ दी तो क्‍या करेंगे, व्‍यापार में नुकसान हो गया तो क्‍या होगा, जीवनसाथी के साथ तनाव बढ़ गया तो, शिक्षा में सफलता नहीं मिली तो, मनपसंद करियर या नौकरी नहीं मिल पाई तो, पद-पैसा-प्रतिष्‍ठा हमारे पास से चली गई तो, जीवन में तय लक्ष्‍यों को हासिल नहीं कर पाए तो, किसी अपने को मन के विचारों को समझाने में असमर्थ रहे तो… ऐसी ही कल्‍पनाएं हमें डराती हैं और हम जीवन में कुछ नया करने या प्रयास करने से पहले ही हम हार मान लेते हैं, अगर आपके साथ भी ऐसा ही कुछ होता है तो इसका अर्थ है कि डर आप पर हावी है।

अब अगर डर को खुद पर हावी होने से रोकना है तो यह जानना होगा कि डर होते कितने प्रकार के हैं। मेरे अनुभव के आधार पर हम जीवन में सबसे अधिक पांच तरह के डर का सामना करते हैं। रिलेशन, प्रोजिशन, ईगो, साइकोलॉजी और फाइनेंस। कभी रिश्‍तों के टूटने का तो कभी अपने पद के चले जाने का, कभी खुद नाम खराब होने का तो कभी मानसिक या आर्थिक मोर्चों पर नाकामयाबी का डर हमें सताता रहता है। वास्‍तव में हम इन डरों से जितना भयभीत होते हैं, यह हम पर उतना ही हावी होते चले जाते हैं। इन डरों से खुद को बचाने और इनका मजबूती से सामना करने के लिए चलिए एक एक्‍सरसाइज करते हैं।

                 ऐसे मिलेगी डर के आगे जीत

सबसे पहले अपने सारे डरों को एक कागज पर नोट कर लीजिए, जैसे नौकरी छूटने का डर, आर्थिक संकट या रिश्‍तों को लेकर तनाव सहित अन्‍य।

अब इन डरों को लेकर कल्‍पना कीजिए कि आपके साथ बुरे से बुरा क्‍या हो सकता है, यानी कि अगर आपकी कल्‍पनाएं सच हुईं तो क्‍या होगा।

यह बात भी सोचें कि अगर विपत्तियों की कल्‍पना सही साबित होगी तो उसके क्‍या कारण होंगे, हम कौन सी गलती कर रहे हैं।

जो भी कारण, गलतियां, प्रयास में कमी या अन्‍य बातें आपके सामने आ रहे हैं, इन्‍हें मौजूदा स्थिति में ही ठीक करने के प्रयास में जुट जाएं।

गलतियों में सुधार से आपका कार्य बेहतर होगा और आप अपने प्रयास में अधिक मजबूती से जुट सकेंगे। सुधार के बाद इन्‍हें क्रॉस चेक जरूर करें।

हर बुरी स्थिति का एक विकल्‍प तैयार कर लें कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं ऐसा करूंगा, ऐसे तीन विकल्‍पों की सूची आपको कभी हारने नहीं देगी।

अब फिर से अपने मन में उठ रहे डर के पास आएं और उससे संवाद करें कि अगर विपत्ति आती है तो मैं इस तरह उसका सामना करूंगा।

अगर आप सही ढंग से इस एक्‍सरसाइज को करते हैं तो आपका डर ही आपको सफलता का रास्‍ता बताएगा और गलतियों में सुधार कर आप बेहतर ढंग से आगे बढ़ेंगे।

आप पाएंगे कि आपका डर आपसे संवाद करने में डरने लगेगा, बस अब समझ जाईये कि आप अपने डर पर हावी हो चुके हैं।

अब डर जो छोटे-मोटे संकेत देगा वह केवल आपको सुधार के लिए प्रेरित करेंगे और आगे बढ़ने में सहायक होंगे।

अब रोज अपने लक्ष्‍य को लेकर सकारात्‍मकता के साथ काम करें और अपने मन में ऐसी कल्‍पना करें कि आप अपने कार्य में पूरी सफलता हासिल कर लेंगे।

हमेशा याद रखिए जब तक आप अंधकार से डरते रहेंगे तब तक आप दीपक बनकर कभी प्रकाश नहीं दे सकते। एक प्रयास ओर करें। अपने परिवार से संवाद कीजिए, दोस्‍तों के साथ समय बिताईये, जरूरतमंद की मदद कीजिए, मोबाइल-गेजेट्स के बिना कुछ समय बिताने का प्रयास कीजिए और जहां तक संभव हो अपने पद-प्रतिष्‍ठा के प्रचार के बिना जीवन जीने का प्रयास कीजिए, आप पाएंगे कि कई डर हमेशा के लिए आपके मन से दूर हो जाएंगे।

खुश रह‍िएस्‍वस्‍थ रहिएविचारों की इस कलात्‍मक दुनिया में मेरे साथ बने रहिए ………………. आपका सुमित

टिप्पणियाँ

  1. Shandaar Sir, Aapke Blog Padkar esa lagta hai jese aapne hamare bare me hi likh diya ho. aapke blog bahut prerna dete hai.

    जवाब देंहटाएं
  2. सुमित अवस्थी जी नमस्कार आज पुनः आपका ब्लॉक लेट नाइट मिला हम पढ़ने वालों से ज्यादा आपकी जो मेहनत से आप लिखते हैं उसमें भी समय लगता होगा एवं ब्लॉक को किस जीवन की शैली पर लिखना है वह विचार मंथन आपके जहन में जो चलता होगा यकीनन बहुत ही उसमें भी समय लगता होगा जिस प्रकार आप ध्यान आकर्षित करते हैं लोगों को प्रेरणा देते हैं बहुत अच्छा लगता है आज का ध्यान आकर्षित जो हुआ है डर के प्रति वास्तव में हर व्यक्ति के जीवन में कहीं ना कहीं डर भय किसी ना किसी चीज को लेकर हमेशा बना रहता है बहुत ही अच्छे तरीके से आपने उसको समझाया है यकीनन जीवन में काम आएगा

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सही व प्रेरणा दायक लेख सुमितजी

    जवाब देंहटाएं
  4. सुंदर एवम् अनुकरणीय 👍

    जवाब देंहटाएं
  5. Ek aur Shankar lekh sumit achcha sochte bhi ho aur likhte bhi ho aap ek achchhi Soch ke dhani ho ise banaye rakhiye ga

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

तुझसे नाराज नहीं जिंदगी हैरान हूं मैं

मेरे जीवन का सबसे बड़ा तोहफा: "आप"

जीवन का प्रबंधन सीखाता है श्रीराम का चरित्र