मेरी जमाने में जो शोहरत है मेरे पिता की बदौलत है


हम दुनिया में आते हैं तो हमारे वजूद की पहली पहचान होती है पिता... पिता को शब्दों में परिभाषित ही नहीं किया जा सकता क्योंकि पिता अप्रदर्शित अनंत प्यार है। मां पैरों से चलना सिखाती है तो पिता पैरों पर खड़ा होना सिखाता है। आज मैं दुनिया में किसी मुकाम पर हूं, कुछ हासिल कर पाया हूं या प्रतिष्ठित हूं तो सिर्फ इसलिए कि मेरे कंधे पर मेरे पिता का हाथ है। बड़े नसीब वाले होते हैं वो लोग पिता जिनके साथ हैं। आज फादर्स डे पर आप सब से यही कहूंगा कि मेरी जमाने में जो शोहरत है वह मेरे पिता की बदौलत है।

इस दुनिया में अगर आगे बढ़ना है तो जड़े मजबूत होना चाहिएआपने अक्सर पेड़ों को देखा होगा, कई पेड़ बहुत बड़े और विशाल होते हैं, जानते हैं क्यों, क्योंकि उनकी जड़े मजबूत होती हैं। जब हमारी जड़े मजबूत होती हैं तभी हममें काबिलियत के फूल और सफलता के फल पनन सकते हैं। हमारी उन्‍नति और प्रगति की जो जड़ हैं वह हैं हमारे पिता। पिता अपने बच्चों में संस्कार बोता है उनके चरित्र का निर्माण करता है। आज हम कितना भी कमा लें दुनिया में कुछ भी बन जाएं हमारी कीमत पिता की पगड़ी से ज्यादा नहीं हो सकती। पिता हमारे जीवन का संबल हैं, शक्ति हैं वह हमारे निर्माण की अभिव्यक्ति हैं। पिता अपनी इच्छाओं का हनन कर परिवार की प्रतिपूर्ति करता है। इसलिए पिता का कभी अपमान न करें बल्कि उनपर अभिमान करें।


पिता से संबंधों को गहरे और स्वतंत्र रखने के लिए शायद यह बात भी कहना जरूरी है कि पिता का सम्मान और विचारों में भिन्नता दोनों अलग-अलग चीजें हैं। पिता के सम्मान का यह कतई मतलब नहीं है कि आप उनकी हर बात पर सहमत हो जाएं। ऐसे में तो आप अपने मन के अंर्तद्वंद से घिर जाएंगे। पिता के साथ डिफरेंस ऑफ ओपिनियन होगा और होना भी चाहिए। आप उन्हें अपने विचारों से अवगत कराएं, बहस करें लेकिन उनका दिल न दुखाएं और उन्हें अपने से दूर न करें। पिता के साथ आपका रिश्ता जब सबसे खूबसूरत हो जाएगा जब आप दोनों एक-दूसरे को समझें भी और समझाएं भी। क्योंकि आप दोनों दिल से एक हैं और कभी अलग-अलग नहीं हो सकते।

             पिता ही स्‍वाभिमान और पिता ही अभिमान है

जीवन में अगर आपका समय सबसे खराब हो तो भी पिता आपके साथ खड़े रहते हैं, इसलिए जब उन्‍हें आपकी जरूरत हो तो आप उनके साथ खड़े रहिए

याद कीजिए बचपन का वह समय जब पिता ने कितनी इच्‍छाओं का हनन कर आपकी ख्‍वाहिशों को पूरा किया, आज समय मिला है तो उनके अधूरे सपनों को पूरा कीजिए

अपने माता-पिता के साथ रहते हैं तो दिन में एक समय का भोजन या चाय उनके साथ लें, उनसे चर्चा करें और विचारों को साझा करें।

अगर माता-पिता से दूर रहते हैं तो कम से कम दिन में एक बार उनसे बात करें, उनका दिन कैसा बीता पूछें, अपने बारे में बताएं।

पिता के विचारों को जानें, वे आप से क्‍या उम्‍मीद करते हैं उन्‍हें समझें और अपनी भविष्‍य की योजनाओं को भी उनसे साझा करें।

जिस तरह हम अपने दोस्तों को अपने प्यार को बार-बार कहते हैं न कि मैं हमेशा तुम्‍हारे साथ हूं, आई लव यू वैसा ही अपने माता पिता से भी कहें

माता-पिता को अपने साथ किसी धार्मिक स्‍थान की यात्रा करें, अपने बच्‍चों को उनके दादा-दादी से संस्‍कार और चरित्र निर्माण की शिक्षा दिलाएं।

अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो यकीन मानिए आप दुनिया के खुशकिस्‍मत इंसान हैं क्‍योंकि आपके पास पिता का साथ है क्‍योंकि पिता ही स्‍वाभिमान और पिता ही अभिमान है।

टिप्पणियाँ

  1. पिता ही हैं, जिनकी बदौलत हमारा आज और कल है, और उन्ही से हमारा इतिहास है।

    सुमित जी के विचार और उनका इस सुन्दर तरीके से प्रकाशन आज के युवाओं के जीवन मे बदलाव ला सकता है।

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  2. प्रेम पिता का दिखाई नहीं देता ,
    ईश्वर की तरह होता है।

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  3. क्या बात है सुमित जी आज फादर्स डे पर तो आपने आंखें नम कर दी यकीनन पिताजी के संस्कार वह पांव पर खड़ा करना जीवन में अच्छे बुरे का सही मार्ग दिखाना यह सब पिता का होता है आज शब्द तो बहुत सारे आ रहे हैं भावुक हूं बहुत कुछ चाह कर भी नहीं लिख पा रहा हूं पर आज का जो ब्लॉक अपने फादर्स डे पर लिखा है बहुत ही सुंदर शानदार आप सभी को फादर्स डे की बहुत-बहुत शुभकामनाएं

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