दिपावली पर कीजिए दिल की सफाई, जीवन में आएगा प्रेम का उजास
दिपावली का पर्व अपने साथ संपन्नता और रौनक लेकर आता है, दिपावली से पहले हम सब घरों में साफ-सफाई में जुट जाते हैं, इस बार इसमें एक ओर प्रयास मिला लीजिए। दिपावली पर घर के साथ दिल की भी सफाई कर दीजिए। जैसे आप हटा देते हैं पुराना सामान, रद्दी और कचरा अपने घरों से, वैसे ही हटा दीजिए क्रोध, बैर, ईर्ष्या और अहंकार को अपने दिलों से। जैसे घर को सजाते हैं नए रंग, फूल और दीयों से वैसे ही दिल को सजाईये नए विश्वास, सेवाभाव और स्नेह से। बस फिर देखिए जैसा आपका घर चमकेगा दीपोत्सव के उल्लास से, वैसे ही आपका जीवन चमक जाएगा प्रेम के उजास से।
कल्पना कीजिए कि आपके घर में कचरा बिखरा
हो, सामान अस्त-व्यस्त हो, किताबों
पर धूल चढ़ी हो और दीवारों पर फफूंद लग रही हो तो क्या आप उस घर में रह सकते है,
नहीं ना… तो फिर अपने दिल को ऐसा क्यों बना रखा है, जिसमें व्यर्थ बातों का कचरा बिखरा हुआ है, मनमुटाव
की धूल रिश्तों को ढंक रही है, संबंधों में मतभेदों की ददारें
पड़ रही हैं और अकेलेपन का अंधेरा आपके जीवन के उल्लास को खत्म कर रहा है। अगर आप
इस दीपावली जीवन में रौनक लाना चाहते हैं तो उस घर में भी झांककर देखिए, जो आपके दिल के अंदर है।
यहां रिश्तों की किसी किताब पर चढ़ी
मनमुटाव की धूल झटककर साफ कीजिए और इन रिश्तों सहेजकर रख लीजिए प्रेम की अलमारी में।
प्यार की दीवारों पर धब्बा बना रही अहंकार की फफूंद और ईर्ष्या के जालों को झाड़
दीजिए। इन दीवारों पर भरोसे का पक्का रंग कीजिए जो न गलतफहमी की
बारिश से खराब हो न ही विपदाओं की तपन में यह फीका पड़े। जैसे दीपावली पर घर को फूलों
और दीयों से सजाया जाता है, वैसे ही दिल को स्हने और सद्भाव से सजाईये।
दिल के इस घर में प्रेम के दीपों से उजास कीजिए। आप पाएंगे कि यह उजास इतना तेज होगा
कि आपके जीवन में रौनक आ जाएगी और तब मनेगी असली दीपावली।
ऐसे आएगा दीपोत्सव का असली उजास
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दीपावली की सफाई में आपको कई ऐसी गैरजरूरी
चीजें मिलेंगी, जिन्हें आप कई साल से सहेज रहे हो लेकिन
उपयोग नहीं करते, इन चीजों को किसी जरूरतमंद को दे दीजिए। जैसे
आपके घर काम करने वाली बाई, माली, चौकीदार
या किसी अन्य को।
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दीपावली पर जरूरी नहीं कि आप किसी आश्रम
में जाकर गिफ्ट बांटें या किसी ट्रस्ट को दान दें, बल्कि पर
यह देख लें कि आपके आसपास के लोगों की दीपावली अच्छे से मनें। अपने घर-ऑफिस के कर्मचारियों
व उनके बच्चों को खुशियां बांटें।
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दीपावली पर अपने परिवार, रिश्तेदार और दोस्तों के साथ उम्मीद का दीया जलाएं। अगर आपका कोई अपना परेशान
हैं, अकेला है या उदास है तो खुद दीया बन जाएं और उसके जीवन में
उजास भरने का प्रयास करें।
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सालभर में आपके साथ जिसने जो कुछ भी किया
उसे भूल जाएं। किसी के द्वारा विवाद, समय पर साथ नहीं देने,
किसी योजना के अधूरे रहने जैसी बातों को भूल जाईये, इस दीवाली कोई गलतफहमी मत पालो, दिलों के सारे मैल को
धो डालो।
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आजकल ऑनलाइन शॉपिंग का बहुत क्रेज है
लेकिन पिछले दो साल से कोरोना के कारण आपके शहर का व्यापारी परेशान हैं। जहां तक संभव
हो सके अपने शहर के व्यापारियों से खरीदी कीजिए, आपकी वजह
से उनकी भी दीवाली मनेगी।
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दीपावली की चकाचौंध से भरे बाजार में
जब निकलें तो धक्का-मुक्की के बीच कच्ची मिट्टी के पक्के दीये जरूर खरीदें, इनसे उन घरों में भी दीवाली मन सकेगी, जो आपकी दीपावली
के लिए कई दिन मेहतन कर यह दीये बनाते हैं।
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दूसरों के लिए अपने घरों के साथ दिलों
का दरवाजा भी खोलें और मूंह के साथ ही शब्दों और भावनाओं में भी मिठास घोलें। ज्योत
से ज्योत जलाएं और लोगों के जीवन में उजास लाएं।
Well said..
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